इकतरफा इश्क़

तेरी उलझी हुई सी धड़कने, मेरी ज़िन्दगी को उलझा ना दे
सीने में तेरे जो आग है, वो मेरे वज़ूद को झुलसा ना दे |

तेरी दीवानगी है या सिर्फ आवारगी, मुझे फर्क नहीं पड़ता
तेरे लिए जो ख़ूबसूरत एक खवाब है,
कल को ज़माना ये दाग मेरे माथे पे लगा ना दे|

तू है पहाड़ पे बसे उस आज़ाद माकन सा, और मैं गांव की नीलम हवेली सी
तेरी ये बहती सी ताज़ा हवाएं, मेरी दीवारों की घुटन बढ़ा ना दे|

चल मान लिया की तू मेरे प्यार में खर्च है,
मगर मेरा नाम तो किसी और बहीखाते में दर्ज है

अंगड़ाइयां लेता तेरा ये सफर, कही छाले मेरे पैसे के बढ़ा ना दे
तेरे लिए जो ख़ूबसूरत एक खवाब है,
कल को ज़माना ये दाग मेरे माथे पे लगा ना दे|